Friday, June 30, 2006

पाकिस्तानी जेल मत जाओ

इस बेचारे को देखो...


Operation removes lightbulb from anus


MULTAN, Pakistan (Reuters) - Fateh Mohammad, a prison inmate in Pakistan, says he woke up last weekend with a glass lightbulb in his anus.


इसकी और हकीम की बातचीत कैसी रही होगी?
हकीम - क्या तक्लीफ़ है?
फ़तेह - डाक्टर, मेरे गाण्ड मे दर्द है
हकीम - रात को क्या किया?
फ़तेह - आपको कैसे मालूम... मेरा मतलब है... क्या मतलाब... मै बस सोया था
हकीम - अच्छा... लेकिन तुम्हारे गाण्ड मे बल्ब है
फ़तेह - जल रहा है क्या? मैंने सुना था कि हिन्दुसतान मे गोबर से लाईट जलती है... अब जेल में गोबर नहीं मिलता इसीलिए यह मैंने सोचा।
हकीम - गधे, अपने सिर पर रखना चाहिए था, वह गोबर से भरा है। अब मुझे भुगतना पढ़ रहा है... इस देश का कुच्छ नहीं होने वाला है...


2 comments:

Dr Prabhat Tandon said...

अरे आप इतने दिनों से कहां छुपे हुये थे, आपका परिचय तलाशाता रहा,कुछ तो अपने बारे में लिखये। खैर पढ कर मजा आ गया।

Anonymous said...

प्रभात जी, मैं थोड़ा अजनबी सा रहना चाहता हूँ ताकि जो भी मन में आए लिख सकूँ। शायद फिर कभी अपने बारे में भी लिखूँगा। आपकी टिप्पणी के लिए शुक्रिया।